ग़ज़लें: (दिलशाद ‘सैदानपुरी’)

कविता ग़ज़ल

हनीफ मदार 198 11/17/2018 12:00:00 AM

रंग मंच कि दुनिया में प्रवेश करने से पहले आपने ‘दिलशाद सैदानपुरी’ के नाम से गज़लें लिखना शुरू किया और यह लेखन का सफ़र आज भी जारी है | हमरंग के मंच से कुछ गज़लें आप सभी पाठकों के लिए, हमरंग पर आगे भी यह सफ़र जारी रहेगा ….| – संपादक

धोखा

किस-किस की उतारी जाए, चेहरे पर पड़ी नकाब
जिसको देखा करीब से, वो झूठे नजर आने लगे

कल तलक जो खुद को, जताते थे हमारा रहनुमा
फिलवक्त वो हम गरीबों, से ही किनारा करने लगे

हमने तो सौंपी थी सत्ता, उनको हमदर्द जानकर
सत्ता हाथ आते ही वो, हमें ठेंगा दिखाने लगे

है कौन जिसने हमारी, बेकसी का न उठाया फायदा
बारी जब देने की आई, हमें ही रास्ता दिखाने लगे

जिसने भी है अब तलक, हमको लिफाफे में लिया
उनकी कोशिश कोशिश रही, कि अपना नजर आने लगे

अब तो मुश्किल होगा, भरोसा किसी पर भी करना
अब तो हमको सारे के सारे, दोगले नजर आने लगे

माँ

बच्चे का दिल माँ सा नहीं होता
बस इसी कारण खुदा नहीं होता

माँ क्या होती है पूछना कभी खुद से
हर सवाल अक्सर दूसरों से नहीं होता

कब झपकी तुमने पलक कब खोली आँखें
यह माँ से ज्यादा किसी को पता नहीं होता

तुम्हारे एक रोने पर जो खुद को वार देती है
ऐसा साफ़ दिल तो हमसफ़र का भी नहीं होता

कब लगी भूख और कब लगी प्यास तुम्हें
यह माँ से ज्यादा तुम्हें भी पता नहीं होता

मेरे आने तक आज भी बिना खाए बैठी रहती है
मेरे खाए बिना उनका निवाला हजम नहीं होता

आज की बात नहीं है ये बचपन से देखता आया हूँ
नींद में मेरे कमरे की लाइट खुद से ऑफ़ नहीं होता

मुझको बस इतनी सी बरकत चाहिए ज़िन्दगी से
अच्छा होता घर का कमरा उनके बिना नहीं होता

हनीफ मदार द्वारा लिखित

हनीफ मदार बायोग्राफी !

नाम : हनीफ मदार
निक नाम : हनीफ
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ऑथर के बारे में :

जन्म -  1 मार्च १९७२ को उत्तर प्रदेश के 'एटा' जिले के एक छोटे गावं 'डोर्रा' में 

- 'सहारा समय' के लिए निरंतर तीन वर्ष विश्लेष्णात्मक आलेख | नाट्य समीक्षाएं, व्यंग्य, साक्षात्कार एवं अन्य आलेख मथुरा, आगरा से प्रकाशित अमर उजाला, दैनिक जागरण, आज, डी एल ए आदि में |

कहानियां, समीक्षाएं, कविता, व्यंग्य- हंस, परिकथा, वर्तमान साहित्य, उद्भावना, समर लोक, वागर्थ, अभिव्यक्ति, वांग्मय के अलावा देश भर  की लगभग सभी पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित 

कहानी संग्रह -  "बंद कमरे की रोशनी", "रसीद नम्बर ग्यारह"

सम्पादन- प्रस्फुरण पत्रिका, 

 'बारह क़िस्से टन्न'  भाग १, 

 'बारह क़िस्से टन्न'  भाग ३,

 'बारह क़िस्से टन्न'  भाग ४
फिल्म - जन सिनेमा की फिल्म 'कैद' के लिए पटकथा, संवाद लेखन 

अवार्ड - सविता भार्गव स्मृति सम्मान २०१३, विशम्भर नाथ चतुर्वेदी स्मृति सम्मान २०१४ 

- पूर्व सचिव - संकेत रंग टोली 

सह सचिव - जनवादी लेखक संघ,  मथुरा 

कार्यकारिणी सदस्य - जनवादी लेखक संघ राज्य कमेटी (उत्तर प्रदेश)

संपर्क- 56/56 शहजादपुर सोनई टप्पा, यमुनापार मथुरा २८१००१ 

phone- 08439244335

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