हर चीज को तरसते हैं किसान

कविता कविता

ABDUL RAHMAN ANSARI 529 5/27/2021 1:05:00 PM

मुंशी प्रेमचन्द ने लिखा था ये कभी

हर चीज को तरसते हैं किसान

कर्ज के बोझ तले दबते हैं किसान देश के

रीढ़ हैं अन्नदाता हैं, भाग्य विधाता हैं

हम सबका पेट भरते हैं किसान

किसानों का वोट बैंक न खिसके, साहब ने कहा है

साहब को हर बार जिताते हैं किसान

किसानों का शोषण कोई नई बात नहीं है

दशकों से जुल्म सहते हैं किसान

लागत बढ़ने से मुनाफा तो दूर

उपज की वाज़िब कीमत भी नहीं पाते हैं किसान

मंडी समितियां लूटने का अड्डा बन गईं

सालों से इनमे लुटते हैं किसान

मुंशी प्रेमचन्द ने लिखा था ये कभी

 

-प्रतीकात्मक चित्र गूगल से साभार 

ABDUL RAHMAN ANSARI द्वारा लिखित

ABDUL RAHMAN ANSARI बायोग्राफी !

नाम : ABDUL RAHMAN ANSARI
निक नाम : RAHMAN KAKA
ईमेल आईडी :
फॉलो करे :
ऑथर के बारे में :

हिंदी-उर्दू का एक छोटा सा शायर
सामाजिक कार्यकर्ता, लेखक, ब्लॉगर
मेरी प्रसिद्ध रचना 👇👇👇
"मोहब्बत के रंग लगाती है होली"

अपनी टिप्पणी पोस्ट करें -

एडमिन द्वारा पुस्टि करने बाद ही कमेंट को पब्लिश किया जायेगा !

पोस्ट की गई टिप्पणी -

हाल ही में प्रकाशित

नोट-

हमरंग पूर्णतः अव्यावसायिक एवं अवैतनिक, साहित्यिक, सांस्कृतिक साझा प्रयास है | हमरंग पर प्रकाशित किसी भी रचना, लेख-आलेख में प्रयुक्त भाव व् विचार लेखक के खुद के विचार हैं, उन भाव या विचारों से हमरंग या हमरंग टीम का सहमत होना अनिवार्य नहीं है । हमरंग जन-सहयोग से संचालित साझा प्रयास है, अतः आप रचनात्मक सहयोग, और आर्थिक सहयोग कर हमरंग को प्राणवायु दे सकते हैं | आर्थिक सहयोग करें -
Humrang
A/c- 158505000774
IFSC: - ICIC0001585

सम्पर्क सूत्र

हमरंग डॉट कॉम - ISSN-NO. - 2455-2011
संपादक - हनीफ़ मदार । सह-संपादक - अनीता चौधरी
हाइब्रिड पब्लिक स्कूल, तैयबपुर रोड,
निकट - ढहरुआ रेलवे क्रासिंग यमुनापार,
मथुरा, उत्तर प्रदेश , इंडिया 281001
info@humrang.com
07417177177 , 07417661666
http://www.humrang.com/
Follow on
Copyright © 2014 - 2018 All rights reserved.