बारिश में दिल्ली: व्यंग्य (नित्यानन्द गायेन)

व्यंग्य व्यंग्य

नित्यानंद गायेन 472 11/17/2018 12:00:00 AM

कविता की दुनिया में अपनी ख़ास पहचान रखने वाले कलमकार की कलम से निकले व्यंग्य को पढ़ते हुए व्यंग्य में भी एक कवि की उपस्थिति का एहसास तो जरूर होता है लेकिन व्यवस्थापकीय छोटी छोटी खामियों से उत्पन्न होने वाली बड़ी अव्यवस्थाओं को मनोरंजक अंदाज़ में कहने का कौशल भी झलकता है | साहित्यिक दृष्टि और कलम का बेहतर प्रयास ‘नित्यानंद गायेन‘ द्वारा ..|– संपादक

बारिश में दिल्ली 

नित्यानंद गायेन

नित्यानंद गायेन

शाम को दिल्ली में बारिश हो रही थी , अब भी हो रही है रुक -रुक कर | हम सोचे चलो थोड़े रोमांटिक हो लें | बस निकल पड़े कमरे से | मुनिरका की सुंदर गलियों से होते हुए हम मार्किट में पहुँच गए | पैरों में चन्दन लेप लग चुका था , कुछ छींटें पतलून पर भी लगी थीं | कूड़ेदान से आती महक ने वातावरण को और भी रोमांटिक बना दिया था | हम रुमाल भूल आये थे कमरे पर | दिल्ली मेट्रो का काम तेजी से प्रगति पर होने के कारण गड्ढों में और सड़क पर जमे हुए पानी में, मैं अपना चेहरा साफ़ देख सकता था |
उसी वक्त मेरी एक सहेली का फोन आ गया | पूछा क्या कर रहे हो ? मैंने कहा – नज़ारा देख रहे हूँ , मेरी दिल्ली , प्यारी दिल्ली | उसे खूब तेज हँसी आ गयी | वह फोन पर खिलखिला उठी | उसकी मीठी खिलखिलाहट में, मैं इतना खो गया कि मैं यह भूल ही गया कि यहाँ भी सड़कों पर पहला अधिकार मेरे जैसे आवारा और बेरोजगार सांड, बैल और गौ माताओं का है | सूखे मौसम में सड़क पर उन्हें निश्चिंत बैठे जुगाली करते देख मुझे केजरीवाल के संघर्ष के दिन आते हैं | बड़ी से बड़ी गाड़ी के हार्न बजाने पर वे अपनी जगह से एक इंच भी नहीं खिसकते | बस फिर क्या था , एक मुस्टंडे सांड ने आकर पीछे से सींग ठोक दिया | मेरे कानों में सन्नाटा पसर गया और भय से मेरे पैर थिरकने लगे इस तरह जैसे अभी मैं हेमा जी की तरह कथक नृत्य करने लगूंगा |
मैंने फोन काट दिया और वहां से भागना शुरू कर दिया | भागते -भागते सोचने लगा कि जरुर उस सांड को भी भूसे की गंध मिली होगी और मैंने अपना दिमाग खुजाना शुरू कर दिया | मुझे काशीनाथ सिंह जी के उपन्यास का दृश्य याद आ गया था |

नित्यानंद गायेन द्वारा लिखित

नित्यानंद गायेन बायोग्राफी !

नाम : नित्यानंद गायेन
निक नाम :
ईमेल आईडी :
फॉलो करे :
ऑथर के बारे में :

अपनी टिप्पणी पोस्ट करें -

एडमिन द्वारा पुस्टि करने बाद ही कमेंट को पब्लिश किया जायेगा !

पोस्ट की गई टिप्पणी -

हाल ही में प्रकाशित

नोट-

हमरंग पूर्णतः अव्यावसायिक एवं अवैतनिक, साहित्यिक, सांस्कृतिक साझा प्रयास है | हमरंग पर प्रकाशित किसी भी रचना, लेख-आलेख में प्रयुक्त भाव व् विचार लेखक के खुद के विचार हैं, उन भाव या विचारों से हमरंग या हमरंग टीम का सहमत होना अनिवार्य नहीं है । हमरंग जन-सहयोग से संचालित साझा प्रयास है, अतः आप रचनात्मक सहयोग, और आर्थिक सहयोग कर हमरंग को प्राणवायु दे सकते हैं | आर्थिक सहयोग करें -
Humrang
A/c- 158505000774
IFSC: - ICIC0001585

सम्पर्क सूत्र

हमरंग डॉट कॉम - ISSN-NO. - 2455-2011
संपादक - हनीफ़ मदार । सह-संपादक - अनीता चौधरी
हाइब्रिड पब्लिक स्कूल, तैयबपुर रोड,
निकट - ढहरुआ रेलवे क्रासिंग यमुनापार,
मथुरा, उत्तर प्रदेश , इंडिया 281001
info@humrang.com
07417177177 , 07417661666
http://www.humrang.com/
Follow on
Copyright © 2014 - 2018 All rights reserved.