बात बीत रहे साल 2018 की करें तो इस साल 117 छोटी-बड़ी फ़िल्में रिलीज हुई । सिलसिलेवार तरीके से देखें तो सबसे अधिक कमाई करने वाली यानी टॉप 10 (दस) फिल्मों में पद्मावत हालांकि दूसरे नंबर पर रही किन्तु इस फिल्म ने हिन्दुस्तान के हर कोने में विवादों की ऐसी आग लगाई की संजय लीला भंसाली साहब ने उसमें अपनी रोटियाँ खूब सेकीं । फिल्मों का बजट और कमाई का गणित अगर देखें तो सिनेमा के वर्तमान समय के बेहतर शोध कर्त्ता ‘अमित कर्ण’ के द्वारा किए गए शोध से हम इसे और बेहतर तरीके से समझ सकते हैं –
वर्ष 2018 की विदाई पर भारतीय हिंदी सिनेमा पर एक नज़र डाल रहे हैं 'तेजस पूनिया'
मेगा बजट फ्लॉप शो: 2018 सफ़र सिनेमा का
हिंदी फिल्मों का बाजार 1931 के बाद से इतना विस्तृत
हो चुका है कि इसके लिए अब सौ करोड़ी होना चुटकियों का खेल बन गया है । लेकिन कभी कभी
होता यूँ है कि ‘ऊँट के मुँह में जीरा’ भी हो जाता है । और यह जीरा खिलाने वाले भी
हम दर्शक वर्ग ही हैं । अब भई कोई फ़िल्म रास नहीं आई तो नहीं आई । अपने खान भाईयों
को ही देख लो । तीनों ऐसे पिटे हैं इस साल की अब इनके लिए वह कहावत सिद्ध होने का अवसर
आ गया है – ‘दूध का जला छाछ भी फूंक फूंक कर पीता है’ तभी तो अपने सल्लू भाई ने अगले
साल यानी 2019 में आने वाली उनकी फिल्म ‘भारत’ का बजट कम करने को कहा है । खैर बात बीत रहे साल 2018 की करें तो इस साल
117 छोटी-बड़ी फ़िल्में रिलीज हुई । सिलसिलेवार तरीके से देखें तो सबसे अधिक कमाई करने
वाली यानी टॉप 10 (दस) फिल्मों में पद्मावत हालांकि दूसरे नंबर पर रही किन्तु इस फिल्म
ने हिन्दुस्तान के हर कोने में विवादों की ऐसी आग लगाई की संजय लीला भंसाली साहब ने
उसमें अपनी रोटियाँ खूब सेकीं । इस फिल्म ने विश्व भर में पाँच सौ पिचासी करोड़ के लगभग
कारोबार किया । हालांकि यह फिल्म मध्यप्रदेश में
करीबन एक महीने बाद रिलीज कर दी गई किन्तु सम्पूर्ण राजस्थान में यह पूरी तरह
प्रतिबंधित रही । साल 2018 की इस फ़िल्म को सुप्रीम कोर्ट से रिलीज की हरी झंडी मिलने
के बाद भी थियेटर हॉल्स में पुलिसिया चाक-चौबंध की प्रक्रिया से गुजरना पड़ा ।
पहले नंबर पर रही इस साल की संजू अपने संजू बाबा की
बायोपिक थी । लेकिन यह भी उनकी छवि चमकाने का एक अभियान मात्र था । इस फिल्म ने भंसाली
की पद्मावत से पूरे 1 करोड़ रुपए अधिक का कारोबार किया और इस साल सबसे अधिक कमाई करने
के मामले में पहले नंबर पर रही । क्रमश: तीसरे, चौथे और पाँचवे पर ‘सल्लू मियां’ की
‘रेस 3’ , ‘यश राज बैनर’ की ‘ठग्स ऑफ़ हिन्दोस्तान’ और ‘नाडियावाला’ की ‘बागी 2’ रही
।
भारतीय सिनेमा में समानांतर सिनेमा का दौर हमेशा से
रहा है । इस समानांतर जैसे सिनेमा में ‘बधाई हो’ , ‘राज़ी’ , ‘पैडमैन’ , ‘स्त्री’, ‘हल्का’ , ‘कुछ भीगे
अल्फ़ाज’ , ‘रेड’ , ‘हिचकी’ ‘अक्टूबर’ , ‘102 नॉट आउट’ , ‘बायोस्कोपवाला’ , ‘मुल्क’
‘मंटो’ , ‘सुई धागा’ जैसी फिल्मों को शामिल किया जा सकता है । जिन्होंने एंटरटेनमैंट
ही नहीं करवाया बल्कि एक सामाजिक संदेश भी अपनी कोख में रखा । यूँ कुछ ना मुराद डायरेक्टर
, प्रोड्यूसर , अभिनेता, अभिनेत्री भी हुए भी जिन्होंने सिनेमा की लुटिया डुबोने कोई
कोर कसर बाकि नहीं छोड़ी । इनमें ‘कालाकांडी’, ‘1921’ , ‘माई बर्थडे सॉंग’ , ‘यूनियन
लीडर’ , ‘वो इंडिया का शेक्सपियर’ जैसी फिल्मों का निर्माण किया । इन सब में ‘रेस 3’ और ‘ठग्स ऑफ़ हिदोस्तान’ , ‘ज़ीरो’ जैसी खान
बादशाहों से सजी फ़िल्में भी थीं जिन्होंने मेगा बजट खर्च किया मगर हाथ उनके हल्दी भी
न लगी । हालांकि इस साल के आखिरी शुक्रवार को
रिलीज होने जा रही ‘सिम्बा’ भी 100 करोड़ सीमा रेखा पार कर लेगी किन्तु इस फिल्म
से भी विशेष उम्मीदें और कयास नहीं लगाए गए थे किन्तु रिलीज के पश्चात इसके प्रति समीक्षकों
का सकारात्मक रूख इसकी हवा बदल रहा है और जाते हुए साल का एक सुखद अहसास यह फिल्म दे
रही है । बाकी कुल मिलाकर
साल 2018 खट्टा- मीठा रहा ।
फिल्मों का बजट और कमाई का गणित अगर देखें तो सिनेमा
के वर्तमान समय के बेहतर शोध कर्त्ता ‘अमित कर्ण’ के द्वारा किए गए शोध से हम इसे और
बेहतर तरीके से समझ सकते हैं –
फिल्म के बजट में प्रोड्यूसर द्वारा फिल्म पर खर्च
की गई राशि बजट कहलाती है जिसमें एक्टर्स, टेक्नीशियन्स और बाकि क्रू मेम्बर्स का वेतन
या खर्चा शामिल होता है । इसके अलावा इसमें ट्रांसपोर्ट, लोकेशन, सेट, शूटिंग , प्रमोशन
, विज्ञापन आदि भी शामिल होते हैं । जबकि इससे होने वाली कमाई में साझेदारी कई हिस्सों
बंटती है । जिसमें डिस्ट्रीब्यूटर , सिनेमाघरों के मालिक और राज्य सरकारें शामिल होती हैं ।
बॉक्स ऑफिस का मॉडल अमित कुछ इस तरह समझाते हैं –
हिन्दुस्तान में दो तरह के थियेटर हॉल हैं जिनमें एक है मल्टीप्लेक्स और दूसरा
है सिंगल स्क्रीन । किसी भी फिल्म के रिलीज होने के पहले सप्ताह में टैक्स आदि काटकर
50 प्रतिशत और सिंगल स्क्रीन का 70 से 90 प्रतिशत कलेक्शन डिस्ट्रीब्यूटर्स के पास
जाता है । इसी तरह दूसरे हफ्ते में मल्टीप्लेक्स
से 42% तीसरे सप्ताह में 37% और इसके बाद 30% हिस्सा शेयर किया जाता है ।
तो इस तरह के गणित के बाद ‘नोट पे चोट एट 8/11’,
‘3 सटोरिये’ , ‘दिल जंगली’ , ‘राजा अब्रोएदिया’ , ‘बिल्लू उस्ताद’ जैसी फिल्मों से
क्या उम्मीदें की जा सकती हैं । ये सब फ़िल्में तो परेशान परिंदा सा बनकर उसी गगन में
लुप्त हो जाती हैं । जहाँ से इनकी कहानियाँ जन्म लेती हैं ।
साल 2018 में बजट और कमाई के हिसाब से तीन हिस्से
किए जा सकते हैं । एक खाँचे में वो फ़िल्में जिनका बजट लकदक रहा लेकिन कमाई के मामले
में ‘ठन-ठन गोपाल’ साबित हुई । दूसरे खाँचें में वो फ़िल्में जिनका बजट ‘कंगाली में
आटा’ गीला साबित हुआ । यानि कमाई भी ज़ीरो और लगाई भी यानी बजट भी ज़ीरो । तीसरा खाँचा
उन फिल्मों का जिनका बजट भले बूंदी के दो दाने जैसा रहा लेकिन कमाई के मामलों में जिन्होंने
खूब मलाई बटोरी ।
सबसे पहले बात करें उन फिल्मों
की जिन्होंने खूब लकदक बजट के साथ धमाल करने के ख़्वाब संजोए मगर साबित फीकी जलेबी हुई
तो उनमें सबसे पहला नाम ‘ठग्स ऑफ़ हिदोस्तान’ का ही नाम लिया जाना चाहिए । यह फिल्म
सिरे से पैदल साबित हुई और हिन्दोस्तान के दिलों को नहीं बल्कि बॉलीवुड को भी ठगते
हुए नजर आई । इसलिए फिल्म समीक्षकों ने इसे ठग्स ऑफ़ बॉलीवुड भी कहा । इसके अलावा इसमें
जीरो और रेस 3 को भी शामिल किया जा सकता है दूसरी ओर वे फ़िल्में जिन्होंने ‘हींग लगे
न फिटकरी रंग चोखा ही चोखा’ वाली कहावत सिद्ध की उनमें तुम्बाड, स्त्री , राजी , पैडमैन
अंधाधुन रही । और तीसरे प्रकार की फिल्मों में आप गली-गुलियाँ , अक्टूबर , गोल्ड ,
सत्यमेव जयते संजू ,सुई धागा , बधाई हो , हिचकी मुल्क आदि को शामिल कर सकते हैं ।
इन तीन प्रकार की फिल्मों के बजट और कमाई की सूची सूत्रों के मुताबिक़ कुछ इस प्रकार बनी है –
क्रम सं० फिल्म का नाम बजट (करोड़ों में) कमाई (करोड़ों में)
1.
संजू 100
586.85
2.
पद्मावत 215
585
3.
तुम्बाड़ 10
14-17
4.
स्त्री 23-24 180.76
5.
पैडमैन 20 186.81
6.
राजी 35-40
194.06
7.
सोनू के टीटू की स्वीटी 30
148.51
8.
सुई धागा 35
114
9.
रेस 3 185
303
10.
ठग्स ऑफ़ हिन्दोस्तान 335
286
11.
बधाई हो 29 221
12.
हिचकी 12
239.79
13.
बागी 2 59 253
14.
वोदका डायरी 07
1.26
15.
वीरे दी वेडिंग 42 138
16.
अंधाधुन 32
111
17.
मुल्क 20
21.89
18.
सत्यमेव जयते 45
106.68
19.
गोल्ड 85
151.43
20. मंटो 08
3.71
21.
ओक्टोबर (अक्टूबर) 33
54.74