नए साल २०२१ का आग़ाज़ : सर्वेश्वर दयाल सक्सेना और इरशाद खान सिकंदर की रचनाओं से
हनीफ मदार 168 2021-01-01
उम्मीद एक शब्द है जिए जाने का,
वरना बीते साल ने कहाँ का छोड़ा है।
इसी उम्मीद के सहारे नए सपनों, आशाओं, प्रेम और इंसानियत से भारी दुनिया सजाने की उम्मीद के साथ आइए फिर से करते हैं इस नए वर्ष २०२१ का स्वागत॰॰॰॰॰॰