नवउदारवादी भूमण्डलीकरण के दौर में मज़दूर संगठन के नये रूप: (प्रो. इमैनुएल नेस )
हनीफ मदार 490 11/16/2018 12:00:00 AM
लखनऊ, 19 जुलाई। यूपी प्रेस क्लब में प्रो. एमैनुएल नेस ने ‘नवउदारवादी भूमण्डलीकरण के दौर में मज़दूर वर्ग के संगठन के नये रूप‘ विषय पर एक व्याख्यान दिया। यह कार्यक्रम अरविन्द मार्क्सवादी अध्ययन संस्थान द्वारा आयोजित किया गया |कार्यक्रम में प्रो. इमैनुएल नेस के व्याख्यान ‘आनंद‘ की एक संक्षिप्त रिपोर्ट……..
‘इमैनुएल नेस‘ सिटी युनिवर्सिटी आॅफ़ न्यूयार्क में राजनीति शास्त्र के प्रोफे़सर और युनिवर्सिटी आॅफ़ जोहान्सबर्ग, सेंटर फ़ॉर सोशल चेंज में सीनियर रिसर्च एसोसिएट हैं। उनका शोधकार्य मज़दूर वर्ग की गोलबन्दी, वैश्विक मज़दूर आन्दोलनों, प्रवासन, प्रतिरोध, सामाजिक और क्रान्तिकारी आन्दोलनों, साम्राज्यवाद-विरोध और समाजवाद से जुड़े विषयों पर केन्द्रित रहा है। वे नवउदारवादी भूमण्डलीकरण के दौर में साम्राज्यवाद में आये बदलावों, ‘पोस्ट-फोर्डिज़्म’, वैश्विक असेंबली लाइन के उभार, अनौपचारीकरण की प्रक्रियाओं, मज़दूर वर्ग के परिधिकरण और नारीकरण, एवं ‘ग्लोबल साउथ’ में औद्योगिक मज़दूर वर्ग के नये रैडिकल व जुझारू आन्दोलनों का अध्ययन करते रहे हैं। उन्होंने तीसरी दुनिया के अधिकांश देशों की कई बार यात्राएँ की हैं और भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका, इंडोनेशिया, ब्राज़ील जैसे देशों में मज़दूरों, मज़दूर कार्यकर्ताओं तथा बुद्धिजीवियों से संवाद करने में विचारणीय समय बिताया है। उन्होंने इस विषय पर प्रकाशन भी किए हैं। उनकी हालिया किताब ‘सदर्न इनसर्जेन्सीः दि कमिंग ऑफ़ दि ग्लोबल वर्किंग क्लास’ (प्लूटो प्रेस) को श्रम इतिहास और राजनीतिक अर्थशास्त्र के क्षेत्र में नवोन्मेषी कहा जा रहा है। वे न सिर्फ़ एक क्रान्तिकारी बुद्धिजीवी हैं, बल्कि एक रैडिकल एक्टिविस्ट भी हैं जो यूएसए में एक क्रान्तिकारी कम्युनिस्ट पार्टी के निर्माण के प्रयास में लगे हुए हैं।